हिन्दी शायरि
- मैं अपनी अकड़ में जकड़ गया, मै अपनी ही जिद्द पे अड़ गया।
वो जिद्द आखिर मुझे तब छोड़नी पड़ी, जब उसका बाप मेरे पीछे लड्ड लेके पड़ गया।
उसके सारे गुनाह मैने अपने सिर इस बार ले लिए, बाद में समझ आया कि मैने ये बेकार ले लिए।
मुझे पता चला कि वो फिर से रवाना होने को है सही वक्त पर मैने उससे 500 रु उधार ले लिए ।।
😁😁😁😁😁
- बिगड़ जाना चाहते हैं हम इश्क में थोड़े बहुत ।
सुना है जिनका दिल टूटा है उन्होंने दिल तोड़े बहुत ।।
😁😁😁😁😁
- दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए (2) ।
फिर दिमाग कहता है क्यों तुझे धोखा दोबारा चाहिए ।।
😁😁😁😁😁
- आईए आईए दुकान का मल रस्ते में ,महंगा माल सस्ते में ।
एक बार लोगे बार बार आओगे
नहीं लोगे रात भर पछताओगे , ओर सुबह भी जाओगे ।।
😁😁😁😁😁
- हजारों से बात बिगड़ी थी जब मैने उसे अपनाया था,
लेकिन वो भी वही निकली जो लोगों ने बताया था।।
😁😁😁😁😁