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मैनपाट जिसे छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है। मैनपाट एक बहुत ही खूबसूरत स्थान है मैनपाट के पहाड़ों की उंचाई सोने पर सुहागा जैसा प्रतीत होती है, जैसे जैसे नीचे से ऊपर की ओर जाते जायेंगे मैनपाट की पहाड़ियां उतनी ही ज्यादा खूबसूरत होती जाती हैं । यहां बहुत दूर दूर से यात्री यात्रा करने के लिए आते हैं जिसके कारण यह और भी ज्यादा प्रचलित होता जा रहा है दूर दराज से आने वाले यात्रियों के लिए यहां रेस्ट हाउस भी बनाया गया है। जिससे यात्रियों को ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
मैनपाट में प्रसिद्ध स्थान
टाईगर 🐯 प्वाइंट
मछली 🐟 प्वाइंट
जलपरी प्वाइंट
बूढ़ा नाग
दलदली
उल्टा पानी
महेता प्वाइंट : आदि
टाईगर प्वाइंट
टाईगर पॉइंट मैनपाट का सबसे ज्यादा फेमस और प्रसिद्ध स्थान है टाईगर 🐯 पॉइंट में सैकड़ों फिट की ऊंचाई से गिरने वाला झरना लोगों को बहुत ज्यादा आकर्षित करता है। मैनपाट को जानेवाले यात्री कहीं और जाएं या ना जाएं टाईगर पॉइंट में जरूर जाते हैं। यहां पर ग्रामीण लोगों द्वारा स्टॉल लगे हुए होते हैं नाश्ते का पूरा व्यवस्था होता है। Photo शूट के लिए DSLR CAMERA 📸 भी उपस्थित होता है ।
मछली प्वॉइंट
मछली प्वॉइंट जाने के लिए टाईगर पॉइंट से वापस होकर कमलेस्वरपुर जाना होता है । मछली प्वॉइंट में मछली प्वाइंट में चट्टानों की खूबसूरती उनका बेहतरीन बनावट तथा 50-60 फिट ऊंचाई से गिरने वाला झरना काफी खूबसूरत अंदाज में गिरता हुआ दिखाई पड़ता है ।यहां पर चट्टानों की बनावट फोटो शूट के लिए बहुत ही अच्छा है ।
जलपरी पॉइंट
जलपरी पॉइंट मछली प्वॉइंट से लगभग 5KM की दूरी पर स्थित है । यहाँ जाने के लिए लगभग 3 km की पैदल यात्रा करनी पड़ती है मछली पॉइंट का रास्ता जंगलों से होते हुए लगभग 3km अंदर तक जाता है मछली प्वॉइंट में लगभग 20 फिट ऊंचाई से गिरता हुआ झरना पेड़ों की प्राकृतिक बनावट और जंगल के बीच में झरने से बना झील बहुत ही आकर्षक लगता है वर्तमान समय में यह बहुत ही प्रचलित हो रहा है ।
दलदली
जैसा कि नाम से ही लग रहा है की दलदली मे पानी ही पानी होगा । लेकिन ऐसा नहीं है दलदली एक मेले वाले जंपिंग झूले की तरह प्राकृतिक स्थान है यहां की जमीन कपड़े अथवा झूले की तरह हिलती है दलदल वाले भाग के ऊपर उछलने पर वहा का जमीन भी उछलता है जो की देखने में बहुत ही आकर्षक लगता है।
उल्टा पानी
उल्टा पानी में होने वाला चमत्कार वाकई में देखने योग्य है यहां पानी हो या गाड़ी सब उल्टी दिशा में चलने लगता है । उल्टा पानी में नाले का पानी नियमतः ऊपर से नीचे बहना चाहिए लेकिन वहां ऐसा नहीं है वहा पर नाले का पानी नीचे से पहाड़ के ऊपर जा रहा है जो की वाकई में अचम्भाव करने वाला दृश्य है।
मैनपाट अंबिकापुर शहर से 55KM की दूरी पर स्थित एक दार्शनिक स्थल एल। यहां रोज सैकड़ों की तादाद में लोग आते हैं यहां जाने का सही समय गर्मी और बरसात में होता है ।। ठंड के दिनों में यहां का वातावरण शीत कोहरे से ढंका होता है हजारों फिट की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण अन्य जगहों की तुलना में यहां ठंड बहुत ज्यादा होता है। जिससे ठंड के दिनों में यहां पर्यटक अन्य मौसम की तुलना में काफी कम जाते हैं।
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