काश मैंने तुझसे दिल लगाया न होता
काश मैंने तुझसे दिल लगाया न होता , मेरा दिल भी आज यूं पराया न होता | (2)
तेरे खातिर मैनें भूल दिया यूं खुद को फिर क्यूँ जाने तूने ये शिला दिया है मुझको ,
जिसकी खुशियों के खातिर मैं हर दर्द सहता रहा , वो किसी और की बाहों को भारता रहा।
मुझे नींद नहीं आती मैं जागूँ रातों को बेवफा क्यूँ तूने भूला दिया है मुझको , भूल दिया है मुझको|
मेरी वफ़ा क्यूँ तुझको रास न आई ना जाने क्यूँ तूने मुझसे की बेवफाई , मुझसे की बेवफाई ,
काश मैंने तुझसे दिल लगाया न होता , मेरा दिल भी आज यूं पराया न होता | (2)
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